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Yuhi pal bhar main pal beet gye aur hum hawaao se yuhi khafa the
Dream says louder
Jo feel Kiya wo likha
Yas it's completely understandable
Hazaaron saal bit gye iss baat ko
मुक्कम्मल तुम भी नहीं
लाख कोशिश की तुझे चाहने की लेकिन दिल ने कभी दोस्ती से आगे बढ़ने की जुर्रत ही नहीं की
सैकड़ों आशिक तबाह हुए इश्क की राहों मे, फिर भी आशिकी आज भी नया परवाना ढूंढती है।
हम जिसे पढ़ना चाहते
जो हमारे लिए खास था कभी वो आज हमारे जिक्र में भी नही
महसूस करता हूं एहसास आज तक उन हवाओं का जिन्हें हम सालो पहले खो चुके ।
एक तुम ही दवा थी मेरे इन जख्मों की तुमने भी मरहम की जगह चोट
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